विगत एक वर्षो से ज्यादा हो गया विभिन्न माध्य्मो से परेशान होते हुए, कभी धमकी तो कभी गाली गलौज, समझ नही आ रहा कि आखिर हो का रहा, कोई सोशल प्लेट फार्म का प्रयोग कर रहा तो कोई किसी ना किसी से कहवा कर दे रहा धमकी, कारण का कुछ पता नही, जितने तेजी से विरोध बढ़ रहा उतना है सफलता से सहयोग भी बढ़ा है जिससे कई गंभीर धाराओ मे पंजीकृत मुकदमो मे भी सफलता पूर्वक झेलते हुए समय बिताया गया है, बस तलाश है तो उस अज्ञात शत्रु का।
कैसे पता करू, क्या जिसने मुकदमा किया वो बतायेगा ? नही, तो क्या जो करा रहा वो बतायेगा ? नही,
तो बस एक ही रास्ता दिखता है की जिस कोर्ट से हुआ अब वही बतायेगा, क्योकि दो बार हो गया तो अब तो पूछना होगा की वो अग्यात शत्रु कौन है जो इस प्रकार गरीब, आदिवासी, दलित, शोषित, महिला, पुरुष, अथवा छोटी छोटी बच्चियों को हथियार बनाकर लोगो को फसा रहा है, शोषण कर रहा है अथवा सामाजिक स्तर बिगाड़ रहा है। फिर सोचता हु की वेवजह उन गरीब लोगो को सजा भी मिलेगी और लाखों रुपया दण्ड भी देना होगा। जो शायद वो भी झेल ना पाए। मगर क्या हो सकता है उनका भी तो चेहरा समाज मे आना चाहिए की इस सफेद पोश भेडिया भी समाज मे रहा रहे है जो दुसरो सामाजिक लोगो का जीवन दूभर कर रहे है उनको भी तो लोग जाने, समझे।
इसलिए ही सारा लिखा पत्रावली प्रशासन तक को उनके नम्बर पर भेजा गया है जिसे देखने के बाद स्क्रीन शाॅट खिच कर रखा गया की जो उनसे नही पूछ सकता वो कोर्ट द्वारा तो जबाब ले सकता है की इस अपराधियों के प्रति कार्यवाही क्यो नही किया, क्या वो बिक गए, या पाटनर बन गया अथवा झुक गए उपर से आये फोन पर, क्यो की जिमेदार तो वो भी हुए ऐसे लोगो के फैलने, फुलने मे, बी एन एस कानून में ये सुविधा हो जाने से शायद प्रशासन भी जबाब देयी हो गयी है। और प्रशासन के सहयोग से ही ऐसे लोगो से मुक्ति मिलेगा।
अन्यथा ऐसे लोग सदैव शोषण करते ही रहेगा, और लोगो का जीवन बर्बादी झेलते रहेंगे।