नेहरू से लेकर इंदिरा और राहुल गांधी तक… संविधान का जिक्र कर संसद में कांग्रेस पर बरसे PM मोदी;
पढ़ें 10 बड़ी बातें
संविधान के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर लोकसभा में हुई चर्चा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिस्सा लिया। संविधान की ताकत का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने संविधान निर्माताओं और देश के नागरिकों का शुक्रिया अदा किया। वहीं उन्होंने आपातकाल और अनुच्छेद 370 का जिक्र करते हुए कांग्रेस पर जमकर निशाना भी साधा। चर्चा के दौरान उन्होंने गांधी परिवार का भी जिक्र किया।
संविधान के 75 साल पूरे होने के अवसर पर पीएम मोदी ने लोकसभा में हुई चर्चा में हिस्सा लिया।
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‘गरीबी हटाओ’ कांग्रेस का सबड़े बड़ा जुमला: प्रधानमंत्री मोदी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। संविधान के 75 साल पूरे होने से जुड़ी चर्चा में हिस्सा लेते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में विपक्ष पर निशाना साधा। संविधान का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने गांधी परिवार के इतिहास का जिक्र किया। उन्होंने देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू से लेकर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी तक, को आड़े हाथों लिया।
उन्होंने आपातकाल का जिक्र करते हुए कांग्रेस पर संविधान की धज्जियां उड़ाने का आरोप लगाया। इतना ही नहीं उन्होंने विपक्षी दलों पर संविधान के साथ समझौता करने का भी आरोप लगाया।
लोकसभा में पीएम मोदी द्वारा कही गई 10 बड़ी बातें
‘विश्व के सबसे महान लोकतंत्र की यात्रा’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संविधान का जिक्र करते हुए कहा,”भारत का लोकतंत्र बहुत समृद्ध रहा है। महान उपलब्धियों के लिए हर भारतीयों को नमन। विश्व के सबसे महान लोकतंत्र की यात्रा। देश का हर नागरिक हर कसौटी पर खरा उतरा।”
“75 वर्ष की ये उपलब्धि असाधारण है। जब देश आजाद हुआ और उस समय भारत के लिए जो-जो संभावनाएं व्यक्त की गई थी उन संभावनाओं को निरस्त करते हुए, परास्त करते हुए भारत का संविधान हमें यहां तक ले आया है। इसलिए इस महान उपलब्धि के लिए, संविधान निर्माताओं के साथ-साथ देश के कोटि-कोटि नागरिकों का आदरपूर्वक नमन करता हूं।”
कांग्रेस ने संविधान की धज्जियां उड़ाई: पीएम मोदी
पीएम मोदी ने आपातकाल का जिक्र करते हुए कहा,”जब भारत अपने संविधान की 25वीं वर्षगांठ मना रहा था, तब हमारे देश के संविधान की धज्जियां उड़ा दी गईं। आपातकाल लगा दिया गया! संवैधानिक प्रावधानों को निलंबित कर दिया गया! देश को जेलखाना बना दिया गया, नागरिकों के अधिकार छीन लिए गए, प्रेस की आजादी पर अंकुश लगा दिया गया।
जनता ने हर चुनौती में लोकतंत्र को मजबूत किया: पीएम मोदी
चर्चा के दौरान पीएम मोदी ने संविधान की ताकत का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा,” यह संविधान ही है जिसने उन्हें और कई अन्य लोगों को यहां तक पहुंचने का अवसर दिया. उन्होंने कहा, “एक बार नहीं, दो बार नहीं, तीन बार प्रधानमंत्री बनना संविधान की शक्ति के बिना संभव नहीं था।”
पीएम मोदी ने कहा कि देश ने कई उतार-चढ़ाव देखे, लेकिन जनता ने हर चुनौती में लोकतंत्र को मजबूत किया। उन्होंने संविधान निर्माताओं की तपस्या को नमन करते हुए देशवासियों के प्रति आभार जताया और कहा कि यह संविधान हर भारतीय के लिए विशेष आदर का विषय है।
हमने देश की एकता के लिए संविधान का संशोधन किया: पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस के लिए सत्ता सुख और सत्ता भूख, यही एकमात्र इतिहास है, कांग्रेस का वर्तमान है। हमने भी संविधान संशोधन किए हैं, लेकिन देश की एकता के लिए, देश की अखंडता के लिए, देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए और संविधान की भावना के प्रति पूर्ण समर्पण के साथ किए हैं।
‘कांग्रेस के प्रधानमंत्रियों ने आरक्षण का घोर विरोध किया’
प्रधानमंत्री ने चर्चा के दौरान गांधी परिवार पर संविधान का अपमान करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि नेहरू जी (पंडित जवाहर लाल नेहरू) से लेकर राजीव गांधी तक, कांग्रेस के प्रधानमंत्रियों ने आरक्षण का घोर विरोध किया है। इतिहास कह रहा है आरक्षण के विरोध में लंबी-लंबी चिट्ठियां स्वयं नेहरू जी ने लिखी है, मुख्यमंत्रियों को लिखी है। इतना ही नहीं, सदन में आरक्षण के खिलाफ लंबे-लंबे भाषण इन लोगों ने किए हैं।
बाबा साहेब अंबेडकर समता के लिए और भारत में संतुलित विकास के लिए आरक्षण को लेकर आए… लेकिन उन्होंने (कांग्रेस) इनके खिलाफ झंडा ऊंचा किया हुआ था। दशकों तक मंडल कमीशन की रिपोर्ट को डिब्बे में डाल दिया था।
जब कांग्रेस को देश ने हटाया, जब कांग्रेस गई, तब जाकर ओबीसी को आरक्षण मिला, ये कांग्रेस का पाप है।
पीएम मोदी ने 11 संकल्प का किया जिक्र
1. सभी नागरिक और सरकार अपने-अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन करें.
2. हर क्षेत्र और समाज को विकास का समान लाभ मिले, “सबका साथ, सबका विकास” की भावना बनी रहे.
3. भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाए, और भ्रष्टाचारियों की सामाजिक स्वीकार्यता समाप्त हो
4. देश के कानूनों और परंपराओं के पालन में गर्व का भाव जागृत हो
5. गुलामी की मानसिकता से मुक्ति मिले और देश की सांस्कृतिक विरासत पर गर्व किया जाए
6. राजनीति को परिवारवाद से मुक्त कर लोकतंत्र को सशक्त बनाया जाए
7. संविधान का सम्मान हो और राजनीतिक स्वार्थ के लिए उसे हथियार न बनाया जाए
8. जिन वर्गों को संविधान के तहत आरक्षण मिल रहा है, वह जारी रहे, लेकिन धर्म के आधार पर आरक्षण न दिया जाए
9. महिलाओं के नेतृत्व में विकास (Women-led Development) को प्राथमिकता दी जाए
10. राज्य के विकास के माध्यम से राष्ट्र के विकास को सुनिश्चित किया जाए
11. “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” के लक्ष्य को सर्वोपरि रखा जाए
जीएसटी ने देश की आर्थिक एकता को मजबूत किया: पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कांग्रेस शासन को याद करते हुए कहा,”एक समय ऐसा था जब देश के एक हिस्से में बिजली होती थी लेकिन सप्लाई नहीं हो पाती थी। वन नेशन, वन ग्रिड ने इस समस्या को दूर करते हुए पूरे देश में बिजली आपूर्ति को सुचारू और प्रभावी बनाया। प्रधानमंत्री ने कहा कि जीएसटी ने देश की आर्थिक एकता को मजबूत किया है। इससे भारत में एक साझा बाजार का निर्माण हुआ है, जिससे व्यापार और उद्योग को नई गति मिली है।
डिजिटल क्षेत्र में “हैव्स और हैव्स नॉट्स” की स्थिति न बने: पीएम मोदी
डिजिटल क्षेत्र में समानता पर बल देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आज का युग बदल चुका है। हम नहीं चाहते कि डिजिटल क्षेत्र में “हैव्स और हैव्स नॉट्स” (विभाजित समाज) की स्थिति बने। डिजिटल क्रांति के माध्यम से हर व्यक्ति को समान अवसर देने का प्रयास किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने देश आर्थिक प्रगति का जिक्र करते हुए कहा, “आज भारत तेज गति से विकास कर रहा है और जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।” उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि हर भारतीय की मेहनत और दृढ़ संकल्प का नतीजा है।
पीएम मोदी ने देश के विकास में महिलाओं की भागीदारी का किया जिक्र
प्रधानमंत्री ने कहा, “महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देना हमारी प्राथमिकता है। जब नारी शक्ति आगे बढ़ेगी, तो देश हर क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छुएगा।”
पीएम मोदी ने कहा, “हमारा लोकतंत्र और हमारी अर्थव्यवस्था दुनिया के लिए प्रेरणा बन रहे हैं. भारत का भविष्य उज्ज्वल है, और यह विकास यात्रा अनवरत जारी रहेगी। ”
भारत के संविधान का पहला पुत्र संसद है: पीएम मोदी
पीएम मोदी ने आर्टिकल 370 और आर्टिकल 35 ए का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, अनुच्छेद 370 के बारे में तो ओबामा को पता है, लेकिन 35-ए के बारे में बहुत कम जानकारी है। भारत के संविधान का अगर कोई पहला पुत्र है तो ये संसद है, लेकिन उसकी गणना भी घोंटने से हुई।
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