ब्रह्म मुहूर्त से ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। पौष पूर्णिमा का आज पहला स्नान है। 13 जनवरी यानी कल मकर संक्रांति पर अमृत स्नान होगा। ठंड और बूंदाबांदी के बीच प्रयागराज में श्रद्धालुओं का तांता लगा है। पूरे मेला क्षेत्र में चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी है।
प्रयागराज में महाकुंभ 2025 प्रारंभ।
महाकुंभ नगर। प्रतीक्षा खत्म हुई। सोमवार को ब्रह्म मुहूर्त में घड़ियों की सुई जैसे ही 4.32 पर पहुंची। महाकुंभ वैसे ही प्रारंभ हो गया। पौष पूर्णिमा के स्नान पर्व का यही पुण्यकाल है लेकिन श्रद्धालुओं की यह व्यग्रता ही है कि उन्होंने आधी रात से ही गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के पावन संगम के साथ विभिन्न घाटों पर स्नान शुरू कर दिया। संगम क्षेत्र में सोमवार से ही माह भर का कल्पवास प्रारंभ हो गया है।
मेले में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था
मंगलवार को मकर संक्रांति पर अमृत स्नान पर्व का अनूठा संयोग जुड़ रहा है। दोनों ही स्नान पर्वों के एक साथ पड़ने से श्रद्धालुओं में उत्साह है। ठंड और बूंदाबांदी के बावजूद श्रद्धालुओं के आने का तांता लगा हुआ है। संतों-महतों के शिविर जागृत हैं। पूरे मेला क्षेत्र में प्रवचन व वेद की ऋचाओं की गूंज है। मेला में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था है।
हेलीकॉप्टर से होगी पुष्प वर्षा
श्रद्धालुओं कई किलोमीटर पैदल चलकर मेला क्षेत्र में पहुंचे। पौष पूर्णिमा व मकर संक्रांति पर 12 किलोमीटर क्षेत्र में फैले सभी 44 घाटों पर स्नान के लिए आए संतों और श्रद्धालुओं पर सरकार की तरफ से हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा कराई जाएगी।
रविवार सुबह से ही प्रयागराज की सड़कों पर वाहनों व पैदल यात्रियों का रेला दिखने लगा। दोपहर में बारिश होने से लोग इधर-उधर छांव तलाशते ठिठके जरूर लेकिन बूंदाबांदी थमते ही फिर सड़कों पर दिखे। इससे चहुंओर जाम की स्थिति रही। पुलिस पसीने-पसीने होती रही।
40 करोड़ लोगों के आने की उम्मीद
भीड़ का दवाब देखते हुए महाकुंभ क्षेत्र में कुछ पुलों पर आवागमन रोक दिया गया। यातायात प्रबंधन योजना में तात्कालिक तौर पर संशोधन किए गए। साथ ही चार हजार हेक्टेयर में विस्तारित महाकुंभ क्षेत्र में तैयारियों का रिहर्सल भी कर लिया गया।
प्रदेश सरकार को उम्मीद है कि महाकुंभ में देश-विदेश से लगभग 40 करोड़ श्रद्धालु व पर्यटक आएंगे। माना जा रहा है कि महा आयोजन में प्रति व्यक्ति औसत खर्च 10 हजार रुपये तक भी बढ़ सकता है और कुल कारोबार चार लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है।
बुधादित्य योग में लगेगी पौष पूर्णिमा की डुबकी
इस बार पौष पूर्णिमा पर बुधादित्य योग का अद्भुत संयोग बन रहा है। स्नान के बाद सकल कामना सिद्धि , जनकल्याण व राष्ट्र अभ्युदय के लिए यज्ञ-अनुष्ठान आरंभ हो जाएगा। देश-विदेश के संत व श्रद्धालु गंगा, यमुना व अदृश्य सरस्वती की त्रिवेणी (संगम) के पवित्र जल में डुबकी लगाकर भजन-पूजन में रम जाएंगे। धर्माचार्यों का मत है कि स्नान पर्वों पर संगम के पवित्र जल में डुबकी लगाकर यथासंभव दान करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी।
क्यों खास है बुधादित्य योग?
ज्योर्तिर्विद आचार्य आचार्य देवेंद्र प्रसाद त्रिपाठी के अनुसार पौष मास की पूर्णिमा तिथि 13 जनवरी सोमवार की भोर 4.32 बजे आरंभ होकर 14 जनवरी की भोर 3.45 बजे तक रहेगी। सोमवार की शाम 4.07 बजे तक भद्रा है, लेकिन स्नान-दान में उसका प्रभाव नहीं माना जाएगा।
पूर्णिमा का प्रभाव दिनभर रहेगा। आद्रा नक्षत्र, ऐंद्र योग रहेगा। धनु राशि में सूर्य और बुध संचारण करेंगे। इससे बुधादित्य योग बनेगा। धर्म-कर्म सहित समस्त मांगलिक कार्य निर्विघ्न होंगे। त्रिवेणी में डुबकी लगाने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी। तत्पश्चात कल्पवास आरंभ करना अत्यंत पुण्यकारी होगा।
खास बातें-
07 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं महाकुंभ मेला क्षेत्र में।
26 हजार करोड़ जिले व शहर में सड़कों, पुलों, बिजली-पानी पर खर्च।
40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है 2025 के महाकुंभ में।
04 हजार हेक्टेयर करीब क्षेत्रफल में बसाया गया है महाकुंभ मेला।
25 सेक्टर में है पूरा मेला क्षेत्र, 30 पांटून पुलों का हुआ है निर्माण।
08 हजार बसें और तीन हजार विशेष ट्रेनें चलाई जाएंगी इस बार।
01 लाख जवान पुलिस, पीएसी व पैरामिलिट्री के तैनात हैं सुरक्षा में।
20 अस्थायी थाने, 68 पुलिस चौकी, 82 अग्निशमन केंद्र भी बने हैं।
07 लाख वाहनों की क्षमता वाले 112 पार्किंग स्थल हो गए हैं तैयार।
2750 सीसीटीवी कैमरे से महाकुंभ मेला की निगरानी, दो कमांड सेंटर।
16 सौ किमी दौड़ाई जा चुकी बिजली की लाइन, 120 अस्थायी विद्युत उपकेंद्र।