रेनूकूट नगर मे कुछ जगहो पर शराब् की दुकान के स्थान के बदलाव को लेकर महिलाओ मे रोष,

रेनूकूट नगर मे कुछ जगहो पर शराब् की दुकान के स्थान के बदलाव को लेकर महिलाओ मे रोष,
अखिलेश सरकार मे रिहायसी स्थानों के गाय, भैस का खटाल खोलने की लगी थी रोक, इस सरकार मे धडले से खुल रहा शराब् की दुकान,
एक तरफ सरकार जहाँ अपनी पीठ थप थपा रही मन्दिरो के विकास, रोजगार, भृष्टाचार मुक्त, गुंडा माफिया को ठिकाने लगाने का दम भर रही है तो वही मंदिरों, स्कूल, के पास धडले से खुलते शराब की दुकानों का चर्चा जोरों पर। आजकल महिलाएं अपने छोटे छोटे बच्चो को लेकर शराब की दुकान के सामने धरना दे रही है। उनका कहना है कि एक तो इतनी महंगाई, ऊपर से आठ से दस हजार की कमाई और गली मोहल्लो मे खुलते शराब् की दुकाने, इसे पति, घर तो बिगड़ेगा साथ ही हमारी आने वाली नई पीढी भी बर्बाद हो जायेगी। सरकार को चाहिए की इन दुकानों को एकांत मे भीड़ भाड़ जगहो से दूर खोलना चाहिए, इसको बेचने के लिए ना कोई पूजा पाठ और ना ही कोई वास्तु की जरूरत होती है, से तो गटर के पास भी खोल दो तो अच्छा चलता है। फिर इन दुकानों को रिहायसी एरिया मे खोलने की क्या जरूरत है।
वही जबकि पिपरी नगर पंचायत के अंतर्गत एक व्यक्ति की परेशानी पर पिछले दस साल से चल रही देश और अग्रेजी शराबा की दुकान को दूसरे स्थानों पर बदल दिया गया।
पिपरी नगर पंचायत के अंतर्गत यहाँ बंद किया गया,
तो फिर रेनूकूट नगर मे खुले रिहायसी कालोनियों मे क्यो नही बदला जा रहा है। दर्जी मार्केट मे तीन तीन वार्डो मे आने जाने का एक ही रास्ते पर खुले देशी शराब् की दुकान का भी भारी विरोध हो रहा, क्योकि इसे आगे पीछे दोनों साइडो पर मन्दिर है, ठीक दुकान के ऊपर ब्यूटी पार्लर है और कुछ दूरी पर ही ताजिया उठाने का स्थान भी है किंतु आबकारी अधिकारी दबाव डालकर ऐसे जगहो पर शराब् की दुकाने खोलवा रहे है।
इस सरकार मे टूटी हुई मूर्ति, मन्दिर का महत्व सभी मंत्री, विधायक बता रहे किंतु वही बड़ी बड़ी मन्दिर जहाँ नौरात्री मे ही प्रतिदिन हजारो महिलाएं पूजा करने आती है वही शराब् की दुकाने खोलना कहा तक जायज होगा।
क्या राजनीति चल रही मिट, मुर्गा की दुकाने मन्दिर आदि स्थानों से बंद है किंतु शराब की दुकाने धडल्ले से खोली जा रही, इसी को कहते है ” ” जिसकी लाठी उसकी भैस “ हाँ भले लाठी ज्यादा दिन तक एक हाथो मे नही रहती।