
गंगा में तैरेगी वाटर मेट्रो, पटना के NIT स्टेशन से होगी कनेक्ट; सिर्फ 40 रुपये किराया
पटना में गंगा नदी पर वाटर मेट्रो शुरू करने की तैयारी है जो एनआईटी स्थित पटना मेट्रो स्टेशन से उत्तरी बिहार को जोड़ेगी। कोच्चि मेट्रो रेल लिमिटेड की टीम ने गंगा के विभिन्न स्थलों का अध्ययन किया है। केंद्र सरकार की योजना के तहत पटना उन 17 शहरों में से एक है जहां यह सेवा शुरू होगी। इलेक्ट्रॉनिक जलयान सौर ऊर्जा से चलेगा और इसमें 100 यात्रियों की क्षमता होगी।
गंगा में इसी वाटर मेट्रो का होगा परिचालन सौ. आईडब्लूएआई
अहमद रजा हाशमी, पटना सिटी। राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय जल मार्ग से बिहार में गंगा को जोड़ने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट की सफलता के बाद आवागमन का एक और बड़ा माध्यम बिहार को मिलने वाला है। इसी वर्ष अगस्त में पटना मेट्रो के प्रथम फेज का परिचालन शुरू होने के बाद गंगा में वाटर मेट्रो चलाने की तैयारी है।
दैनिक यात्रियों के साथ पर्यटकों को विशेष प्रकार का इलेक्ट्रॉनिक जहाज गंगा के रास्ते उत्तर बिहार को राजधानी के एनआईटी स्थित पटना मेट्रो स्टेशन से जोड़ेगा। इस योजना का प्रारूप तय करने को केरल के कोच्चि मेट्रो रेल लिमिटेड के तीन पदाधिकारियों के दल ने पटना पहुंच चार दिनों तक गंगा में कई जगहों का प्राथमिक अध्ययन किया।
पटना क्षेत्र के गंगा स्थल का किया अध्ययन। सौ. आईडब्लूएआई
भारतीय अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्लूएआई) पटना के निदेशक अरविंद कुमार ने मंगलवार को बताया कि केंद्र सरकार के पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय द्वारा देश के जिन 17 स्थानों पर वाटर मेट्रो शुरू करने की योजना है, उनमें बिहार का पटना जिला प्रथम स्थान पर है।
उन्होंने बताया कि कोच्चि से आए दल में कोच्चि मेट्रो रेल लिमिटेड के एसडीजीएम निशांत एन, अर्जुन कृष्णा के व जरीन सैम जेनसान शामिल थे। यह टीम इस योजना को लेकर राज्य सरकार के मुख्य सचिव से भी मिली। चार दिनों तक स्थल निरीक्षण करने के बाद मई के प्रथम सप्ताह में टीम लौट गयी।
आईडब्लूएआई के निदेशक ने बताया कि यह टीम दोबारा बाढ़ के दिनों में पटना आएगी और गंगा में जल प्रवाह की गति, नदी के बहाव तथा अन्य मामलों का अध्ययन करेगी। यह टीम दिसंबर में केंद्र सरकार को रिपोर्ट सौंपेगी।
एनआईटी में पटना मेट्रो से जुड़ेगी वाटर मेट्रो
आईडब्लूएआई के निदेशक अरविंद कुमार ने बताया कि केंद्र के सहयोग से केरल सरकार वहां के कोच्चि शहर में सफलतापूर्वक सुरक्षित और सस्ते दर पर जल परिवहन सेवा उपलब्ध करा रही है। इसी कोच्चि मेट्रो रेल लिमिटेड की टीम ने पटना के उत्तर में गंडक, सोनपुर, हाजीपुर, कोनहरा, दानापुर, दीघा, बिदुपुर, गायघाट, पहलेजा घाट आदि के जल क्षेत्रों का अध्ययन किया।
योजना की शुरुआत में गंडक से वाटर मेट्रो चलाकर पटना के एनआईटी स्थित अशोक राजपथ पर बने पटना मेट्रो स्टेशन से जोड़ने की है।
इसके अलावा, विभिन्न राज्यों के शहर प्रयागराज, वाराणसी, अयोध्या, गांधी नगर, श्रीनगर, जम्मू कश्मीर, बंगाल, गोवा, असम के ढुबरी व गुवाहाटी, मंगलुरु, कर्नाटक, महाराष्ट्र के मुंबई व वसई, अंडमान निकोबार, लक्षद्वीप में वाटर मेट्रो शुरू करने की योजना है। गंगा, ब्रह्मपुत्र नदी, डल झील, अंडमान और लक्षद्वीप में द्वीपों को जोड़ा जाएगा।
इलेक्ट्रॉनिक वाटर मेट्रो पर 100 यात्रियों की क्षमता:
निदेशक ने बताया कि गंगा में वाटर मेट्रो चलाने के लिए एक मीटर से कम पानी की आवश्यकता है। विशेष रूप से तैयार और सुविधाओं से सुसज्जित इलेक्ट्रॉनिक जलयान सौर ऊर्जा से भी चलेगा।
इसमें 50 यात्रियों के बैठने और 50 यात्रियों के खड़े होकर सफर करने की व्यवस्था है। इसका न्यूनतम किराया 20 से 40 रुपये के बीच होने की संभावना है।