
तुर्किये-अजरबैजान को झटका, LPU के बाद अब चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी ने तोड़ा 23 संस्थानों से एमओयू
पंजाब की लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी के बाद चंडीगढ़ विश्वविद्यालय ने भी तुर्किये और अजरबैजान के साथ अपने समझौते (एमओयू) रद्द कर दिए हैं। विश्वविद्यालय ने दोनों देशों के 23 विश्वविद्यालयों के साथ करार तोड़ा है। एलपीयू ने राष्ट्रीय सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए यह कदम उठाया था। चंडीगढ़ विश्वविद्यालय ने हाल की भू-राजनीतिक घटनाओं को देखते हुए यह फैसला लिया है।
LPU के बाद अब चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी ने तुर्किये और अजरबैजान से तोड़ा एमओयू।
चंडीगढ़। लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी (एलपीयू) के बाद अब चंडीगढ़ विश्वविद्यालय ने तुर्किये और अजरबैजान से एमओयू तोड़ लिया है। चंडीगढ़ विश्वविद्यालय ने दोनों देश के 23 यूनिवर्सिटी से करार तोड़ लिया है।
इससे पहले एलपीयू ने राष्ट्रीय सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए तुर्किये और अजरबैजान के साथ किए गए सभी एमओयू को खत्म कर दिया था। यूनिवर्सिटी ने हाल ही में भू-राजनितिक घटनाओं का हवाला देते हुए तुर्किये और अजरबैजान के इंस्टीट्यूट के साथ छह एजुकेशनल पार्टनरशिप को ऑफिशियल समाप्त कर दिया।
पाकिस्तान का साथ देना पड़ा महंगा
बता दें कि भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच तुर्किये ने पाकिस्तान का साथ दिया था। पाकिस्तान ने तुर्किये ड्रोन से भारत में हमला किया था। जिसे भारत ने हवा में ही मार गिराया था। मुसीबत में भारत ने ऑपरेशन दोस्त बनाकर तुर्किये की मदद की थी। लेकिन तुर्किये ने धोखा देकर पाकिस्तान का साथ दिया।
निवेश करने से पीछे हटे व्यापारी
इसके बाद भारत ने अब तुर्किये को सबक सिखाना शुरू कर दिया। पंजाब के व्यापारियों ने भी तगड़ा झटका दिया था। निवेश करने से मना कर दिया। हिमाचल के सेब व्यापारी तुर्किये से सेब के आयात पर रोक लगाने की मांग की है। इसके बाद तुर्किये चौतरफा घिर गया।
देशहित सबसे पहले
वहीं, एलपीयू के फाउंडर चांसलर डॉ. अशोक मित्तल ने कहा कि जब हमारे बहादुर सशस्त्र बल अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं, चाहे वे सीक्रेट ऑपरेशन, हवाई रक्षा या सीमाओं पर गश्त करना हों। ऐसे में हम एक यूनिवर्सिटी के रूप में शांत नहीं रह सकते।