दिव्य दर्शन प्रतिदिन शाम 6.30 से 7.30*
(वैदिक आरती एक अर्चक द्वारा प्रतिदिन सुबह प्रातः काल )
स्थान माॅ विंध्यवासिनी पक्का घाट विन्ध्याचल
आयोजक – विन्ध्य विकास परिषद
विन्ध्य गंगा के महात्म पर प्रकाश डाले तो माँ गंगा ही है जो विन्ध्याचल धाम को इस धरा पर एक दुर्लभ क्षेत्र बनाती है। क्यों की माॅ गंगा के गंगोत्री से गंगा सागर की पूरी अथक यात्रा को यदि देखें तो यही पर माॅ गंगा ने विश्राम किया है जिसका वर्णन विंध्यखण्ड की कथा औषनश उप पुराण में आया भी है जहाँ माँ गंगा ने पाण्डू देश के राजा पुण्यकृति को कहा है की विन्ध्याचल हमारा निवास स्थान है यहाँ मैं विशेष रूप से पाप का शमन करती हूँ ।यहाँ कोई मुझे सिर्फ अपनी नंगी आँखों से बस निहार ले तो मैं उसके सात जन्म के पाप नष्ट कर देती हूँ। क्यों कि इसी धाम में गंगा का संगम विन्ध्य पर्वत से हुआ है यहाँ माँ विन्ध्य पर्वत श्रृंखला के ऊपर से बही जिससे विन्ध्यपर्वत ने भगवती गंगा को अपनी सम्पूर्ण अथक यात्रा में थोड़ा विश्राम करनें का अवसर प्रदान किया । जिसका प्रमाण यहाँ शिवपुर का रामशिला
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प्रवेश प्रारम्भ –
बाबू राम सिंह महाविद्यालय खड़पाथर मुर्ध्वा रेनूकूट सोनभद्र मे विभिन्न विषयों, विभिन्न संकायों मे प्रवेश प्रारम्भ हो गया है । यह महाविद्यालय विगत कई वर्षो से उच्च कोटि की शिक्षा अपने छात्र – छात्राओ को देता आ रहा है। इसलिए आज के छात्रों की यह पहली पसन्द बनी है। इसका फीस स्टेटस भी काफी सरल और आसान है, आदिवासी क्षेत्रों मे दूर – दराज से आने वाले छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए सदैव तत्पर रहा है। एक बार पुन्ह नये सत्र मे उच्च शिक्षा के लिए छात्र – छात्राओ का प्रवेश प्रारम्भ हो चुका है। संपर्क के लिए दिये गए नम्बरो पर फोन करे।