काम करने के बाद भी वेतन काटने पर संविदा श्रमिकों में भारी आक्रोश
विषअमृत संवाददाता आरएन सिंह
काम करने के बाद भी वेतन काटने पर संविदा श्रमिकों में भारी आक्रोश
पिपरी सोनभद्र जिले के विद्युत विभाग का बड़ा घोटाला सामने आया है यहां पर कार्यरत संविदा श्रमिक जो की रावटसगंज डिवीजन और पिपरी डिवीजन के सैकड़ो संविदा कर्मियों के साथ हुआ है जिन्हें विभाग के अधिकारियों द्वारा 24 घंटे काम लिया जाता है जो बेचारे 8000 से 10000 के अल्प वेतन में अपने जान को जोखिम में डालकर दिन-रात लगे रहते हैं उनसे काम तो 30 दिन लिया जाता है लेकिन उनकी हाजिरी 26 दिन की ही लगाई जाती है इसके बावजूद अभी कुछ दिनों से विभाग द्वारा फेशियल अटेंडेंस लगवाया जा रहा है जिसके द्वारा ही इन सभी संविदा श्रमिकों का वेतन बनाया जाना था जिस ऐप के माध्यम से इनका फेशियल अटेंडेंस लगाना होता है पिछले दो महीना में तीन बार फेल हो चुका है.
विज्ञापन
प्रवेश प्रारम्भ –
बाबू राम सिंह महाविद्यालय खड़पाथर मुर्ध्वा रेनूकूट सोनभद्र मे विभिन्न विषयों, विभिन्न संकायों मे प्रवेश प्रारम्भ हो गया है । यह महाविद्यालय विगत कई वर्षो से उच्च कोटि की शिक्षा अपने छात्र – छात्राओ को देता आ रहा है। इसलिए आज के छात्रों की यह पहली पसन्द बनी है। इसका फीस स्टेटस भी काफी सरल और आसान है, आदिवासी क्षेत्रों मे दूर – दराज से आने वाले छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए सदैव तत्पर रहा है। एक बार पुन्ह नये सत्र मे उच्च शिक्षा के लिए छात्र – छात्राओ का प्रवेश प्रारम्भ हो चुका है। संपर्क के लिए दिये गए नम्बरो पर फोन करे।
क्या इसमें भी संविदा श्रमिकों की ही गलती है अगर ऐप फेल हुआ और उनके अटेंडेंस नहीं लगा तो भी उनका उस दिन का वेतन काट लिया जाता है साथ ही एक समस्या और खड़ी होती है कि ऐप संविदा श्रमिकों को10 से 5 बजे तक ही काम करने के लिए बोलता है अब अगर 5:00 बजे के बाद कोई समस्या आती है तो क्या बिजली विभाग के संविदा कर्मी कार्य नहीं करेंगे या उस समस्या को वैसे ही छोड़ देंगे विभाग के जिम्मेदार लोगों को क्या यह चीज नहीं दिखाई देती हैं अब अगर विभाग आपको 8 घंटे काम करने के पेमेंट देता है तो यह नियम इन संविदा कर्मियों पर क्यों नहीं लागू होता है क्या श्रम विभाग को यह चीज दिखाई नहीं दे रहा है या श्रम विभाग जानबूझकर आंख बंद किए हुए हैं श्रम विभाग के नाक के नीचे ही सैकड़ो संविदा श्रमिकों की जीवन के साथ खिलवाड़ किया जाता है कहने का तात्पर्य यह है कि संविदा कर्मियों को बिना किसी सेफ्टी उपकरण के दिन रात काम कराया जाता है और अगर कहीं कोई दुर्घटना होती है यह किसी संविदा कर्मी को काम के दौरान कोई अंग भंग हो जाता है तो उनको उचित मुआवजा दिलवाने में श्रमिक यूनियनों को काफी मेहनत करनी पड़ती है इन सब चीजों को झेलते हुए विद्युत विभाग के संविदा श्रमिक दिन-रात अपने कार्य को करते रहते हैं उसके बावजूद विभाग के जिम्मेदार लोगों द्वारा उनके वेतन में कटौती कर दी जाती है और कहा जाता है कि जितने दिन आपका ऐप के माध्यम से अटेंडेंस लगा है उतने दिन का पेमेंट विभाग द्वारा दिया गया अब समस्या यहां यह खड़ी होती है कि 8 से 10000 के अल्प वेतन में एक संविदा श्रमिक अपने परिवार का भरण पोषण कैसे करता होगा जबकि इसी काम को करने के लिए विभाग द्वारा जो भी कर्मियों की तैनाती की जाती है उनका पेमेंट कम से कम 40 से 50000 के आसपास होता है तो क्या यहां पर समान काम का समान वेतन जो नियम सरकार द्वारा लागू किया गया है क्या यह लागू नहीं हो सकता है अगर नहीं तो क्यों इन्हीं सब बातों को लेकर के पिपरी डिवीजन के संविदा श्रमिकों ने सहायक अभियंता ओबरा को अपना एक मांग पत्र सोपा है जिसमें मांग किया गया है कि उनकी समस्याओं को जल्द से जल्द उचित समाधान करने की कृपा की जाए जिससे की संविदा श्रमिकों में व्याप्त असंतोष को खत्म किया जा सके और वह पूरी ईमानदारी और निष्ठा के साथ विभाग हित में काम कर सके