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दंगा करने वाले 11 लोगों के विरुद्ध पन्नूगंज पुलिस ने किया एफआईआर दर्ज

– एक सप्ताह पूर्व घर पर चढ़कर कुल्हाड़ी, लाठी से जानलेवा हमला कर बाप- बेटी को गंभीर रूप से घायल करने का मामला
– कानूनगो, लेखपाल व एक दरोगा के शह पर रामगढ़ बाजार की 17 विस्वा जमीन कब्जा करने का प्रयास विफल
– एएसपी नक्सल के निर्देश पर हुई कार्रवाई

डिप्टी ब्यूरो रिपोर्ट

सोनभद्र। एक सप्ताह पूर्व घर पर चढ़कर कुल्हाड़ी, लाठी से जानलेवा हमला कर बाप- बेटी को गम्भीर रूप से घायल करने के मामले में पन्नूगंज पुलिस ने दंगा करने वाले 11 लोगों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज किया है। उक्त कार्रवाई राममूर्ति पुत्र अनुरुद्ध निवासी रामगढ़ करौंदिया, थाना पन्नूगंज, जिला सोनभद्र की तहरीर पर एएसपी नक्सल के आदेश पर की गई है।
तहरीर में राममूर्ति ने अवगत कराया है कि उसकी रामगढ़ बाजार में 17 विस्वा बेस कीमती जमीन है। खेती कर उसी से पूरे परिवार का गुजर बसर होता है। यह जमीन कानूनगो को पसंद आ गई और वे अपनी पत्नी के नाम से खरीदने के लिए दबाव बनाने लगे, लेकिन जमीन बिक्री करने से इनकार कर दिया। उक्त जमीन की पथर गढ़ी के नाम पर कानूनगो द्वारा 20 हजार रुपये पुलिस बल के नाम पर व 10 हजार रुपये लेखपाल दल व सरकारी रसीद के नाम पर कुल 30 हजार रुपये लिए गए,लेकिन रसीद नहीं दी गई। उसके बाद से ही कानूनगो ने लेखपाल व एक दरोगा को भी जमीन हड़पने की योजना में शामिल कर लिया। उक्त तीनों सरकारी कर्मचारियों ने पट्टीदारों को भड़का कर जमीन कब्जा करने व समूचे परिवार को जान से मारने के लिए उकसाने लगे। जिसका नतीजा रहा कि 23 जून 2025 को दोपहर करीब एक बजे तीनों सरकारी कर्मचारियों की शह पर परिवार वालों को परेशान करने लगे तथा जान से मार डालने की धमकी दी जाने लगी। इसकी शिकायत 24 जून को डीएम व 25 जून को एसपी को शिकायती पत्र देकर की गई। जिसकी जांच यहीं तीनों सरकारी कर्मचारियों ने की और झूठी रिपोर्ट भेज दिया। उसके बाद 14 जुलाई 2025 को शाम 6 बजे रितुध्वज व रामदुलारे के ललकारने पर गौरीशंकर, हरी कुमार व उमेश पुत्रगण गौरीशंकर, राजू व रामू पुत्रगण रितुध्वज, सोनू पुत्र उमेश, जड़ावती पत्नी गौरीशंकर, भवानी पत्नी उमेश व मेली पत्नी हरी कुमार कुल्हाड़ी, लाठी लेकर घर पर चढ़ आए। आते ही उसके पोती इंद्रा कुमारी पर जानलेवा हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया। जब उसे बचाने के लिए उसका बेटा सरोज कुमार गया तो उसके ऊपर भी जानलेवा हमला कर गम्भीर रूप से घायल कर दिया। इसकी सूचना 112 नम्बर पुलिस व पन्नूगंज थाने में दी गई, लेकिन थाने से भगा दिया गया। पोती और बेटे को घायलावस्था में सरकारी अस्पताल तियरा ले गया, जहां से प्राथमिक इलाज के बाद गम्भीर हालत को देखते हुए जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया। वहां से भी वाराणसी के लिए रेफर कर दिया गया तो मजबूरन प्राइवेट अस्पताल में ले जाकर भर्ती कराया। जिनका इलाज चल रहा है। पन्नूगंज थाने से न्याय की उम्मीद नहीं है। समूचे परिवार के जीवन और जमीन की रक्षा करते हुए दोषियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर आवश्यक कार्रवाई की जाए। एएसपी नक्सल के आदेश पर पन्नूगंज पुलिस ने एफआईआर दर्ज किया है। मामले की जांच/ विवेचना उप निरीक्षक मुरली यादव को दी गई है।

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