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सवालों का घेरे में नगर पंचायत , वार्ड -15 में लगा कूड़ों का अंबार।

वार्ड 15 बना कूड़े का अड्डा, लोगों का जीना हुआ दूभर।

डिप्टी व्यूरो सोनभद्र

ओबरा /सोनभद्र- ओबरा नगर पंचायत का वार्ड नंबर 15 इन दिनों कूड़े के अंबार से जूझ रहा है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि नगर पंचायत पूरे शहर का कचरा इसी वार्ड में लाकर फेंक दिया जा रहा है जिससे यहां रहने वालों का जीना मुहाल हो गया है। जिसके क्रम में स्थानीय लोगों का कहना है कि कूड़े के ढेर से निकलने वाली दुर्गंध और हानिकारक कीटाणुओं से कई तरह की बीमारियों को दावत दे रही हैं और कूड़े से प्रदूषित हो रही है साथ ही आसपास के क्षेत्रों का वातावरण प्रदूषित हो रहा है। एक तरफ प्रदेश सरकार जहां गौशालयों के जरिए गौ संरक्षण पर जोर दे रही है और गौ सुरक्षा के प्रति भी गंभीर बनी हुई है, वहीं दूसरी ओर धर्म का लबादा ओढ़े हुए लोग ही गौ संरक्षण से बेफिक्र बने हुए उन्हें मौत के मुंह में धकेलने का कार्य कर रहे हैं।ऊपर तस्वीरों में आप जो दृश्य देख रहे हैं यह तस्वीर नगर पंचायत ओबरा का है।


जहां गोवंशों का झुंड उन कूड़े कचरों पर अपनी भूख मिटाते हुए नजर आते हैं जो उनके लिए घातक ही नहीं बल्कि जानलेवा भी साबित हो सकते हैं। इसका आभास भले ही इंसानों को ना हो, लेकिन इन बेजुबानों को कुछ दिनों बाद होने लगता है तब तक काफी देर हो चुकी रहती है। क्योंकि यह बेजुबान अपने दर्द और व्यथा को बता पाने में असमर्थ होते हैं।
इस पर रोक लगाने और कूड़े-कचरे को खुले में ना फेंक कर किसी अन्यत्र स्थल पर निस्तारित किए जाने की भी कोई योजना नगर पंचायत द्वारा न किए जाने से सरकार के गौ संरक्षण अभियान को ठेस तो पहुंच ही रहा है। सर्वाधिक नुकसान इन बेजुबानों को हो रहा है।लेकिन इस तरफ कोई भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है।आपको बताते चले परियोजना की जमीन पर लगभग दो हेक्टेयर पर अपना अधिकार जमाते हुए विना अन्नापत्ति प्रमाण पत्र के निर्माण कार्य जैसे सुंदरीकरण का कार्य के नाम पर सरकारी धन का दुरुपयोग कर रही है।और उपरोक्त प्रकरण के संबंध में परियोजना के अधिकारियों से इसके संबंध में वार्तालाप हुआ तो उन्होंने बताया कि परियोजना से निर्माण कार्य को लेकर नगर पंचायत द्वारा किसी भी प्रकार की अनुमति नहीं ली गई है। ओबरा के सामाजिक कार्यकर्ता प्रदूषण के संबंध में विश्व हिंदू महासंघ के ओबरा नगर अध्यक्ष सर्वेश दुबे कहा कि खुले में कूड़ा फेंकने से होने वाले खतरों के बारे में आगाह किया है जहाँ आसपास के लोगों को कई प्रकार की बीमारियां हो होने की संभावना है। जिसके क्रम में उन्होंने बताया कि गायें अक्सर प्रदूषित कचरा और प्लास्टिक खा लेती हैं जिससे उनकी जान को खतरा होता है और वहीं “गाय को माता मानने वाले लोगों की भावनाओं को भी ठेस पहुंच रही है।स्थानीय लोगों ने नगर पंचायत की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए पूछा कि क्या वार्ड 15 को सिर्फ कूड़े का डंपिंग ग्राउंड बना दिया गया है‌। जबकि सरकार द्वारा कूड़े निस्तारण के बारे में बिल्कुल साफ़ निर्देश दिया गया है ।कि खुले में कूड़े, कचरा का निस्तारण न हो बल्कि उसे शहर से बाहर बंद जगह पर कूड़ेदान की ब्यस्यथा हो और समय समय पर कारखानों को निस्तारित करें पर नगर पंचायत की मनमानी पूर्ण रवैया से परियोजना परिक्षेत्र में गंदगी का अंबार लगा है। इसी क्रम में बतातें चलें कि इस रास्ते से परसोई , चकाड़ी आदि गाँव के अलावा मध्य प्रदेश के साथ खैरटिया होते हुए चोपन जाने का रास्ता है। स्थानीय लोगों ने संबंधित नगर पंचायत इस समस्या का जल्द से जल्द समाधान करे और वार्ड 15 को कूड़े से मुक्त कराएं जिसे शहर प्रदूषण मुक्त हो सके।इस तरह का मामला नगर पंचायत की कार्य प्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करता है। सबसे बड़ा सवाल है कि क्या नगर पंचायत अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रही है।

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